उद्देश्य से जनजातीय सम्मान वर्ष 2008 से प्रतिवर्ष प्रदान किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय सम्मान के अंतर्गत दो लाख रूपये सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका तथा राज्य स्तरीय सम्मान के अंतर्गत एक लाख रूपये सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती हैं।
रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान आदिवासी एवं पारंपरिक सृजनात्मक कला, शिल्प, समाजसेवा, प्रशासन में अद्वितीय उपलब्धि एवं योगदान के लिये आदिवासी महिला को दिया जाता है। वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान भारतीय साहित्य में जनजातीय जीवन में सृजनात्मक सौंदर्य, परंपरा और विशिष्टता के उत्कृष्ट रेखांकन-लेखन में सुदीर्घ योगदान, आदिवासी पारम्परिक कलाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय साधना के लिए तथा ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान गरीब, पीड़ित और हर तरह से पिछड़े आदिवासी समुदाय के प्रेम, समदृष्टि और ममतापूर्ण सेवा एवं सुदीर्घ साधना के लिये व्यक्ति अथवा संस्था को दिया जाता है। जननायक टंट्या भील राज्य स्तरीय सम्मान शिक्षा और खेल गतिविधियों में उल्लेखनीय साधना तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये आदिवासी युवा को दिया जाता है।
सम्मान के लिये व्यक्ति स्वयं प्रविष्टियां भेज सकते हैं, साथ ही विषय विशेषज्ञ, संपादक, साहित्यकार, कलासर्जक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, कोच आदि अनुभवी व्यक्ति उपरोक्त क्षेत्र में योग्य व्यक्तियों के नाम की अनुशंसा कर नामांकन भिजवा सकते हैं। नामांकन के लिये व्यक्ति का पूर्ण परिचय, उसके सृजनात्मक कार्यों की जानकारी, पूर्व में प्राप्त पुरस्कारों का विवरण पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित समाचार और टिप्पणियों की प्रतिलिपि भी अपेक्षित होगी। प्रविष्टियां प्रबंध संचालक, वन्या आदिम जाति कल्याण विभाग, राजीव गांधी भवन, 35 श्यामला हिल्स भोपाल के पते पर भेजी जा सकती हैं। इस संबंध में अन्य जानकारी कार्यालय के फोन नम्बर 0755-2661152, 2660370 पर सम्पर्क प्राप्त की जा सकती हैं।