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प्रदेश में जनजातीय सम्मान के लिये प्रविष्टियां 25 मार्च तक आमंत्रित

जनजातीय सम्मान वर्ष 2008 से प्रतिवर्ष दिए  जाते हैं 
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान, वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान, ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान तथा जननायक टंट्या भील राज्य स्तरीय सम्मान के लिए प्रतिष्टियां 25 मार्च 2010 तक आमंत्रित की गयी हैं।वन्या के प्रबंध संचालक श्रीयुक्त श्रीराम तिवारी ने उक्त जानकारी देते हुये बताया कि जनजातीय समाज की विशिष्ट विभूतियों के योगदान, त्याग और बलिदान से समाज को परिचित कराने के
उद्देश्य से जनजातीय सम्मान वर्ष 2008 से प्रतिवर्ष प्रदान किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय सम्मान के अंतर्गत दो लाख रूपये सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका तथा राज्य स्तरीय सम्मान के अंतर्गत एक लाख रूपये सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती हैं।

रानी दुर्गावती राष्ट्रीय सम्मान आदिवासी एवं पारंपरिक सृजनात्मक कला, शिल्प, समाजसेवा, प्रशासन में अद्वितीय उपलब्धि एवं योगदान के लिये आदिवासी महिला को दिया जाता है। वीर शंकर शाह-रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान भारतीय साहित्य में जनजातीय जीवन में सृजनात्मक सौंदर्य, परंपरा और विशिष्टता के उत्कृष्ट रेखांकन-लेखन में सुदीर्घ योगदान, आदिवासी पारम्परिक कलाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय साधना के लिए तथा ठक्कर बापा राष्ट्रीय सम्मान गरीब, पीड़ित और हर तरह से पिछड़े आदिवासी समुदाय के प्रेम, समदृष्टि और ममतापूर्ण सेवा एवं सुदीर्घ साधना के लिये व्यक्ति अथवा संस्था को दिया जाता है। जननायक टंट्या भील राज्य स्तरीय सम्मान शिक्षा और खेल गतिविधियों में उल्लेखनीय साधना तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये आदिवासी युवा को दिया जाता है।

सम्मान के लिये व्यक्ति स्वयं प्रविष्टियां भेज सकते हैं, साथ ही विषय विशेषज्ञ, संपादक, साहित्यकार, कलासर्जक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, कोच आदि अनुभवी व्यक्ति उपरोक्त क्षेत्र में योग्य व्यक्तियों के नाम की अनुशंसा कर नामांकन भिजवा सकते हैं। नामांकन के लिये व्यक्ति का पूर्ण परिचय, उसके सृजनात्मक कार्यों की जानकारी, पूर्व में प्राप्त पुरस्कारों का विवरण पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित समाचार और टिप्पणियों की प्रतिलिपि भी अपेक्षित होगी। प्रविष्टियां प्रबंध संचालक, वन्या आदिम जाति कल्याण विभाग, राजीव गांधी भवन, 35 श्यामला हिल्स भोपाल के पते पर भेजी जा सकती हैं। इस संबंध में अन्य जानकारी कार्यालय के फोन नम्बर 0755-2661152, 2660370 पर सम्पर्क प्राप्त की जा सकती हैं।

मध्यप्रदेश को भारत सरकार के चार ई-गवर्नेस अवार्ड मिले

राजस्थान की राज्यपाल ने पुरस्कृत किया
मध्यप्रदेश सरकार को ई-शासन के उत्कृष्टतम क्रियान्वयन में विशेष पहल के लिए भारत सरकार द्वारा नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड राजस्थान की राज्यपाल श्रीमती प्रभा राव ने 18 फरवरी 2010 को जयपुर में शुरू हुई दो दिवसीय 13वीं नेशनल कॉन्फ्रेन्स ऑन ई-गवर्नेंस के अवसर पर प्रदान किये। 
इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रधानमंत्री कार्यालय और कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री पृथ्वी राज चव्हान, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट मौजूद थे।

नेशनल अवार्ड फॉर ई-गवर्नेंस 2009-10 के सात श्रेणियों के ये पुरस्कर 17 संगठनों को दिए गए और एक संगठन को विशेष उल्लेख का पुरस्कार दिया गया। 18 विजेताओं में से सर्वाधिक चार अवार्ड मध्यप्रदेश के खाते में आये हैं। यह मध्यप्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है।

राजस्थान की राज्यपाल श्रीमती प्रभा राव ने नागरिकों के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन केन्द्रित सेवा वितरण के लिए मध्यप्रदेश सरकार के उपक्रम एमपीऑनलाइन को गोल्डन आईकॉन अवार्ड प्रदान किया। यह अवार्ड राज्य के आईटी विभाग व मुख्यमंत्री के सचिव और एमपी ऑनलाइन के सीईओ अनुराग जैन तथा ओएसडी आईटी विभाग अनुराग श्रीवास्तव ने प्राप्त किया। 

जबकि वन भूमि में काबिज आदिवासियों को वनाधिकार पट्टे वितरण के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश के वन विभाग में ई-शासन में प्रौद्योगिकी के अभिनव प्रयोग के लिए गोल्डन आईकॉन अवार्ड अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक आईटी, वन विभाग, मध्यप्रदेश अनिल ओबेराय ने प्राप्त किया। इसी श्रेणी में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत इंटरनेट आधारित जीआईएस टेक्नालॉजी अभिनव प्रयोग के लिए सिल्वर आईकॉन अवार्ड मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकारण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय दुबे ने प्राप्त किया। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष पुरस्कार फोकस के अंतर्गत मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के एज्यूकेशन पोर्टल को गोल्डन आईकॉन अवार्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र मनोज झलानी ने प्राप्त किया। इसी के साथ मध्यप्रदेश सर्वाधिक चार अवार्ड हासिल करने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है। ये अवार्ड राजस्थान की राज्यपाल श्रीमती प्रभा राव ने प्रदान किये।

इनफारमेशन कम्यूनिकेशन टेक्नालाजी (आईसीटी) को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला प्रतिष्ठित ई-गवर्नेंस अवार्ड 2009-2010 का म.प्र. इस मर्तबा विजेता राज्य भी बना है। मध्यप्रदेश सरकार के चार विभागों को उनके कामकाज व गुण-दोष के आधार पर ई-गवर्नेंस अवार्ड मिले हैं। इसी के साथ राज्य के चार विभाग ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन प्रदान करने में अग्रणी बन गए हैं।

म.प्र. में चल रहे ई-शासन के उत्कृष्टतम कार्य को न केवल भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और सार्वजनिक शिकायत विभाग एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने मान्यता प्रदान की है। बल्कि उसके क्रियान्वयन में विशेष पहल को प्रोत्साहन देने के लिए ई-गवर्नेंस का प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और सार्वजनिक शिकायत विभाग एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने संयुक्त रूप से प्रदान किए।

मुख्यमंत्री म.प्र. शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में लगातार नये-नये प्रयास और प्रयोग हो रहे है मुख्यमंत्री की मंशा है कि आमजन को सुविधायें सरलता से और तुरंत बिना किसी बाधा के कैसे मिले, इस दिशा में म.प्र. का आईटी विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। ई-गवर्नेंस के चार अवार्ड मिलने पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व आईटी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विजेता विभागों की टीम को बधाई दी है।

उल्लेखनीय है कि ई-शासन के उत्कृष्टतम कार्य को मान्यता प्रदान करने, उसके क्रियान्वयन में विशेष पहल को प्रोत्साहन देने के लिए ई-गवर्नेंस का प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और सार्वजनिक शिकायत विभाग एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग संयुक्त रूप से प्रतिवर्ष प्रदान करता है।

स्वर्ण पदक विजेता कु. उज्वला को एक लाख का नगद पुरस्कार

11वें दक्षिण एशियाई (सेफ गेम्स)
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वर्ण पदक विजेता भारतीय कबड्डी टीम की सदस्य कु. उज्वला काठमोरे को एक लाख रूपये का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है।उल्लेखनीय है कि ढाका (बांगलादेश) में आयोजित हो रही 11वें दक्षिण एशियाई (सेफ गेम्स) में भारतीय कबड्डी टीम ने स्वर्ण पदक हासिल किया है।

इंदौर की कु. उज्वला काठमोरे वर्तमान में खेल और युवा कल्याण में संविदा जिला कबड्डी खेल प्रशिक्षक के रूप में इंदौर में पदस्थ है।

जनजातीय कलाकारों से कलाकृतियाँ 28 फरवरी तक आमंत्रित

 मध्यप्रदेश जनगढ़ पुरस्कार
गोंड परधान गायकी परम्परा के जनगढ़ सिंह श्याम की स्मृति में आदिम जाति कल्याण विभाग के उपक्रम वन्या द्वारा स्थापित किए गए जनगढ़ सिंह श्याम पुरस्कार के लिए प्रदेश के जनजातीय कलाकारों, शिल्कारों से कलाकृतियाँ 28 फरवरी 2010 तक आमंत्रित की गई है। इस पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ कलाकृति को रुपये 25 हजार की नगद राशि एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा।

वन्या के प्रबंध संचालक श्रीराम तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदर्शनी में भागीदारी के लिए मध्यप्रदेश के आदिवासी कलाकार अपनी कलाकृति वन्या के कार्यालय 35 राजीव गांधी भवन, श्यामला हिल्स में भेज सकते है। यह पुरस्कार आदिवासी पांरपरिक कलाओं के क्षेत्र में जनजातीय कलाकार को दिया जाता है। विगत् दो वर्षो से स्थापित यह पुरस्कार दिलीप सिंह श्याम एवं हीरामन उर्वेती को प्रदान किया गया था। इस वर्ष कलाकृतियाँ आमंत्रित की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार मध्यप्रदेश के मंडला जिले के प्रतापगढ़ में रहने वाले जनगढ़ सिंह श्याम की स्मृति में शुरू किया गया है।

उल्लेखनीय है कि स्व. श्याम मूलतः गोंड़ परधान गायकी परम्परा से थे। गीत गाना और बाँसुरी बजाना जनगढ़ को विरासत में वैसे ही मिला था जैसा कि परम्परागत चित्रकारी करना। जनगढ़ मूर्ति बनाने में भी दक्ष थे। जनगढ़ सिंह श्याम ने गोंड परधान चित्रकारी की एक नयी शैली ही विकसित की है जिसे दुनिया के कलाजगत ने सम्मान दिया है।

आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा राज्य स्तरीय मध्यप्रदेश जनगढ़ पुरस्कार ऐसे महान दिवंगत युवा कलाकार जनगढ़ सिंह श्याम की याद को चिरस्थाई बनाने एवं आदिवासी कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया है।

उर्दू अकादेमी के सम्मान 2009-10

 अनुशंसा प्राप्त होने की अंतिम तिथि 25 जनवरी तक बढ़ी
म.प्र. उर्दू अकादेमी द्वारा उर्दू की लगातार सेवा के उपलक्ष में 2009-10 के 13 अखिल भारतीय एवं प्रादेशिक सम्मानों के लिए अनुशंसा आमंत्रित की गई थी। यह अनुशंसा अकादेमी में प्राप्त होने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 25 जनवरी 2010 कर दी गई है। सादे कागज में प्राप्त अनुशंसा भी अकादेमी को मान्य होगी।

उर्दू अकादेमी द्वारा जिन सम्मान के लिए अनुशंसा आमंत्रित की गई है उनमें रचनात्मक साहित्य के लिए मीर तक़ी मीर अखिल भारतीय सम्मान 31,000 रूपये, हामिद सईद खॉ अखिल भारतीय सम्मान 15,000 रूपये, शादॉ इन्दौरी अखिल भारतीय सम्मान 15,000 रूपये, सिराज मीर खॉ सहर प्रादेशिक सम्मान 15,000 रूपये, बासित भोपाली प्रादेशिक सम्मान 10,000 रूपये तथा मो. अली ताज प्रादेशिक सम्मान 10,000 रूपये का है।

इनके अलावा शोध एवं आलोचनात्मक साहित्य के लिए नवाब सिद्दीक हसन खॉ प्रादेशिक सम्मान 10,000 रूपये, शैरी भोपाली प्रादेशिक सम्मान 10,000 रूपये, उर्दू शिक्षक के लिए कैफ भोपाली प्रादेशिक सम्मान 10,000 रूपये, अ-उर्दू भाषा के लिये शम्भूदयाल सुख़न प्रादेशिक सम्मान 10,000 रूपये, उर्दू पत्रकारिता के लिये हकीम कमरूल हसन अखिल भारतीय सम्मान 31,000 रूपये, हास्य व्यंग के लिये जोहर कुरैशी अखिल भारतीय सम्मान 10,000 रूपये एवं नए रचनाकारों के लिये शिफा ग्वालियरी प्रादेशिक सम्मान 5,000 रूपये शामिल है।

प्रत्येक सम्मान के लिये अपनी पसंद के क्रमवार तीन नामों की अनुशंसा करते हुए उनके सेवा का भी उल्लेख करना होगा। यह सम्मान उन्ही फन्कारों को दिये जायेंगे जो अभी तक साहित्य, शिक्षा या पत्रकारिता में सरगरम अमल हैं और जिनकी अभी तक अकादेमी का सम्मान न मिला हो। प्राप्त अनुशंसा के आधार पर ही सम्मान समिति विचार विमर्श करने के पश्चात निर्णय करेगी।