मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का लाभ मध्यप्रदेश के वास्तविक किसानों को ही मिलना सुनिश्चित करने के निर्देश जिला कलेक्टरों को दिये हैं। श्री चौहान ने कहा कि बिचौलिये और व्यापारी इस व्यवस्था का लाभ नहीं उठाये इसकी समुचित निगरानी की जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय से वीडियों कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से गेहूँ उपार्जन व्यवस्था पर जिला कलेक्टरों से मुखातिब थे।
श्री चौहान ने कलेक्टरों से कहा कि इस वर्ष गेहूं की विपुल आवक को देखते हुए भण्डारण की व्यवस्थाएं अभी से सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जिलों के लिये बतायी गयी आवश्यकतानुसार भण्डारण स्थान निर्धारित कर लिये जाये। आवश्यक होने पर निजी गोदामों के अधिग्रहण के साथ ही गेहूं की केपिंग (ढंकने) की व्यवस्था भी कर ली जाये। श्री चौहान ने कहा कि हरदा, होशंगाबाद, सीहोर और रायसेन जिलों से लगभग 200 की संख्या में रेलवे रैक द्वारा उर्पाजित गेहूं को अन्यत्र परिवहित करने के लिये रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से कमिश्नर और कलेक्टर अपने स्तर पर भी सतत् संपर्क में रहे। उन्होंने खरीदी केन्द्रों से गेहूं को भण्डारण केन्द्रों तक ले जाने के लिये जिले में विद्यमान परिवहन क्षमताओं का आकलन कर आवश्यक वैकल्पिक व्यवस्था के लिये अभी से योजना बनाने के निर्देश भी कलेक्टरों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्षों की तरह वे इस बार भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी व्यवस्था का औचक निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीदी व्यवस्था के पर्यवेक्षण के लिये मुख्यमंत्री सचिवालय में विशेष प्रकोष्ठ कार्यरत रहेगा। इस प्रकोष्ठ का टोल फ्री नंबर 2540500 होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गेहूं उपार्जन का कार्य आगामी 15 मार्च से प्रारंभ होना है। उन्होंने गत वर्ष अनुसार खरीदी केन्द्र खोलने और साफ सुथरा रिकार्ड रखने वाली समितियों को ही खरीदी हेतु तैनात करने को कहा। मुख्यमंत्री ने मण्डियों में गेहूं की अधिक आवक को देखते हुए किसानों को गेहूं बिक्री के लिये लम्बी कतारों में लगने से बचाने के लिये तीन या चार समितियों को समानांतर रूप से खरीदी के लिये तैनात करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों से खरीदे गये गेहूं का 24 घंटों की अवधि में भुगतान सुनिश्चित किया जाये। भुगतान की निरन्तर मानीटरिंग हो। श्री चौहान ने 20 हजार रुपये तक का भुगतान बेयरर चेक के माध्यम से करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंकों से खरीदी कार्य में लगी समितियों को 15 दिवस की खरीदी के बराबर की साख दिलाना भी सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं उपार्जन के खरीदी दिनांक, समर्थन मूल्य और बोनस की जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। श्री चौहान ने किसान दस्तावेज में खसरा अथवा बी-1 अथवा ऋण पुस्तिका के साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड को भी मान्य करने के निर्देश दिये।
श्री चौहान ने कहा कि खरी़दी के लिये बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था है। इस बार जूट बारदाने के साथ ही प्लास्टिक बैग्स भी उपयोग में लाये जायेंगे। जिलावार पर्याप्त बारदाना उपलब्ध कराया जायेगा जिसकी उर्पाजन केन्द्रों पर उचित वितरण की व्यवस्था की जाये। श्री चौहान ने कहा कि प्लास्टिक बारदाने की सिलाई मशीनों से की जायेगी। अतएव प्रयास यह किये जाये कि बिजली चली जाने पर उपार्जन केन्द्रों पर जनरेटर की वैकल्पिक उपलब्धता रहे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक खरीदी केन्द्र पर एफ. ए.क्यू. वैरायटी का सेम्पल रखा जाये। यदि किसी किसान का गेहूं इस वैरायटी से नीचे बताकर रिजेक्ट किया जाता है तो उसका विवरण रजिस्टर में दर्ज कर सेम्पल रखते हुए उसे विकासखंड स्तरीय एफ.ए.क्यू. विवाद निराकरण समिति के समक्ष आवेदन देने की समझाइश दी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री के लिये प्रेरित करने के लिये यह जरूरी है कि उनसे जबरदस्ती ऋण वसूली नहीं की जाये।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में भारत शासन द्वारा गेहूं खरीदी के लिये घोषित 1100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर राज्य शासन द्वारा 100 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस अतिरिक्त दिया जा रहा है। गेहूं खरीदी के लिये नागरिक आपूर्ति निगम, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित और मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के मध्य क्षेत्र विभाजन किया गया है।
वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री अशोक दास, पजीयक सहकारिता श्री अरुण भट्ट, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री के.सी. गुप्ता, मुख्यमंत्री के अपर सचिव श्री विवेक अग्रवाल आदि भी उपस्थित थे।