Category Archives: BioDiversity

प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक से शुरूआत की जायेगी जैविक खेती की

प्रदेश में शीघ्र ही जैविक नीति की घोषणा
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरिया ने कहा है कि प्रदेश में शीघ्र ही जैविक नीति की घोषणा की जाने वाली है। इसके बाद प्रदेश के प्रत्येक जिले के प्रत्येक विकासखण्ड से जैविक खेती की शुरूआत की जायेगी। 
प्रारंभिक तौर पर किसानों की कुल कृषि भूमि के एक चौथाई भाग पर जैविक खेती कराई जायेगी। बाद में धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जायेगा। कृषि विकास मंत्री डा. कुसमरिया पिछले दिनों भोपाल में साप्ताहिक कृषक दूत द्वारा प्रकाशित कृषक दूत डायरी 2010 का विमोचन करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कृषि मंत्री डा. कुसमरिया ने प्रकाशित डायरी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि डायरी में दशाई गई किसान कल्याण की योजना का विवरण किसानों के हित के लिये काफी महत्वपूर्ण रहेगा। उन्होंने प्रकाशकों से कहा कि डायरी का अधिक से अधिक प्रसार किसानों के बीच किया जाये। 

इस डायरी में किसान कल्याण की योजनाओं के विवरण के साथ-साथ उद्यानिकी से संबंधित ज्ञानवर्धक जानकारियों को भी शामिल किया गया है। इस मौके पर कृषक दूत के प्रधान संपादक सर्वश्री अमरेन्द्र मिश्रा एवं सलाहकार संपादक उमाशंकर तिवारी ने किसान डायरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

मप्र में होगा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये राज्यस्तरीय सम्मेलन

मध्यप्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में शीघ्र ही जैविक नीति की घोषणा की जाने वाली है। इस बात को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में जैविक कृषकों का शीघ्र ही राज्यस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जायेगा।प्रदेश में जैविक विधि से खेती करने वाले कृषकों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इस कार्य के लिये जिला स्तर पर उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस डाटाबेस में जैविक विधि से खेती करने वाले किसानों की पूरी जानकारी होगी।

किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने प्रदेश में जैविक खेती करने वाले किसानों की जानकारी आमंत्रित की है। यह जानकारी उनके ई-मेल minagri@mp.gov.in पर भी भेजी जा सकती है। किसान अपने अनुभव एवं समस्त विवरण को पत्र के जरिये भी किसान कल्याण मंत्री के निवास स्थान बी-3, श्यामला हिल्स, भोपाल-402002 के पते पर भी भेज सकते हैं।

जैव विविधता संरक्षण से बच्चों को जोड़ें

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष 2010 का शुभारंभ
जैव विविधता के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए यह जरूरी है कि भावी पीढ़ी को इससे जोड़ा जाए ताकि वे अपनी इस संपदा का महत्व समझे और इसके संरक्षण के लिए संकल्पित हो। यह बात जैव विविधता एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री जब्बार ढांकवाला ने ‘अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष 2010’ का शुभारंभ करते हुए कही। इस मौके पर जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री सुधीर कुमार, श्री अभिलाष दुबे एवं श्री डी.पी. तिवारी सहित बड़ी संख्या में स्कूल के बच्चे उपस्थित थे।

सचिव जैव विविधता एवं प्रौद्योगिकी श्री जब्बार ढांकवाला ने कहा कि बच्चे ही हैं जिनसे हमें अपनी प्रकृति, परम्परा और धरोहर के महत्व, भविष्य में उसकी जरूरत और संरक्षण के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अगर सही मायने में जल, जंगल, जमीन का संरक्षण करना प्रकृति को बचाना है, जैव विविधता को नष्ट होने से रोकना है तो बच्चों को इनके प्रति जागरूक बनाया जाए।

करोड़ों साल पुरानी हमारी इस जैव विविधता की संपदा आज मानव जाति के कारण ही खतरे में है। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे इस खतरे को पहचाने और अपना भविष्य सुंदर बनाने के लिए जैव विविधता संरक्षण के लिए प्राणप्रण से जुट जाएं।
जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव श्री सुधीर कुमार ने आयोजन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैव विविधता के संरक्षण के लिए हमें समाज के हर स्तर पर जागृति लाना होगी विशेषकर बच्चों में। उन्होंने कहा कि ‘जैव विविधता संरक्षण वर्ष 2010’ का उद्देश्य है कि हम अपनी इस करोड़ों साल की संपदा को नष्ट होने से बचाएं और इसके नष्ट होने से धरती पर पड़ने वाले कुप्रभावों को रोकें।
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष 2010 के अवसर पर सेंटर फार इनवायरमेंट द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई थी इसी तरह सुंदर मध्यप्रदेश पर भी एक प्रदर्शनी लगाई गई। जैव विविधता संरक्षण का प्रमुख केन्द्र ‘एकांत पार्क’ पर केन्द्रित एक ब्रोशर भी प्रकाशित किया गया जिसका विमोचन श्री जब्बार ढांकवाला ने किया।
इस मौके पर जैव विविधता बोर्ड ने बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की, जिसमें चित्रकला, पेपरमेसी प्रतियोगिता, प्रश्न मंच के साथ ही नगर के 35 हास्य क्लब के सदस्यों का भी कार्यक्रम रखा गया। वन विहार के सहायक संचालक श्री ए.के. खरे ने जैव विविधता वर्ष 2010 की जानकारी दी एवं कार्यक्रम का संचालन किया।